क्या पाकिस्तान में तख्ता
पलट के आसार ?
देवेन्द्रसिंह
सिसौदिया
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान
तहरीक ए इंसाफ और मौलवी ताहिर उल-कादरी के समर्थक 17 दिन से नेशनल असेंबली के सामने डेरा डाले हुए
हैं। वे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। सेना प्रदर्शनकारी
और सरकार के बीच मध्यस्थता कर रही है।. पाकिस्तान में
शनिवार रात हालात बेकाबू हो गए। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे पर अड़े हजारों
प्रदर्शनकारियों ने रात 11 बजे उनके आवास और संसद भवन पर
धावा बोल दिया। इस्लामाबाद में हुए लाठीचार्ज के बाद पाकिस्तान के अन्य शहरों में
विरोध प्रदर्शन की खबर है। पाकिस्तान की व्यापारिक राजधानी कराची में भी देर रात
लोग सड़कों पर आ गए। लाहौर, मुल्तान जैसे पाकिस्तान के
महत्वपूर्ण शहरों में भी देर रात विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। यह राजनीतिक अस्थिरता ऐसे वक्त आई है जब पाकिस्तान
आतंकवादियों और खासतौर पर अफगान सीमा से लगे कबायली इलाके में आतंकवाद के खिलाफ तथा
कथित अभियान चला रहा है |
पाकिस्तान
एक मुस्लीम देश है जहाँ लोकतांत्रिक व्यवस्था मौजूद है । कहने को लोकतांत्रिक व्यवस्था
है किंतु इतिहास गवाह है कि यहाँ की सरकार पर हमेशा सेना हावी रहती है । दूसरी ओर
एक शेडो सरकार आतंकवादी संगठनों और आइ एस एस आई की काम करती है । देश की आंतरिक
व्यव्स्था एक दम चरमरा गई है । आर्थिक रुप से बहुत ही कमज़ोर स्थिति से गुजर रहा है
। देश का अधिकांश राजस्व सुरक्षा की नाम पर लगा दिया जाता है । छोटे छोटे राजनैतिक
दलों को कुचल दिया जाता है । देश में
भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है । प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ पर जो आरोप लगाए है उनमें से
एक भ्र्ष्टाचार भी है ।
पाकिस्तान में सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ द्वारा
संकट से घिरी सरकार और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग कर रहे
प्रदर्शनकारियों के बीच मध्यस्थता को लेकर दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे
हैं। सत्ताधारी दल के कुछ लोगों का कहना
है कि विरोध प्रदर्शन को सेना के कुछ महत्वपूर्ण लोगों का भी साथ मिल सकता है।
सेना और वर्तमान सरकार में कई मतभेद बताए जाते हैं।
देश
में 67 वर्षो के दौरान अभी तक तीन बार तख्ता पळट हुआ है । सन 1958, 1977 व 1999
में लगभग ऐसी ही स्थिति पैदा हुई थी और सेना के सहारे यहाँ तख्ता पलट दिया गया था
। वर्ष 1999 में एक बार नवाज़ शरीफ तत्कालीन
सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ के द्वारा किये तख्ता पलट का सामना कर चुके है । सेना का प्रदर्शनकारियों के प्रति नरम रवैया इस शंका को जन्म देता है कि
क्या पाकिस्तान में तख्ता पलट के आसार है ?
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